मैं सह ना पाऊंगा अब कि शायद, मजी़द गु़स्सा व ताओ जानी कि तेरे नख़रों से पहले ही, लगाए जां पर हैं घाव जानी कहो कि जाती है मेरी जूती, तेरे कहे से, बड़े हो आए मैं आके गु़स्से में तुम को कह दूं ,कभी अगर जाओ जाओ जानी हसीन दुनिया में और भी हैं मैं एक नहीं मिस्ले माहे कनां कि शाम व सुबह देख देख मुझको कहीं नज़र मत लगाओ जानी फ़लक पे सूरज भी आन वारिद कभी अचानक नहीं हुआ है रूखे़ मुनव्वर से काकूलो को न एकदम से हटाओ जानी तुम्हारे क़दमों की धूल सुरमा मेरी निगाह का, ख़ुदा की बंदी ख़ुदा की खा़तिर यह बात सुनकर न धूल मुझको चटाओ जानी तुम्हारे दिल तक पहुंचने की हम हर एक मुमकिन सई करेंगे तुम्हारे दिल को कहां से जाती है राह, तुम ही बताओ जानी तुम्हारे बिन ख़ुद को हम अधूरे तलक भी कैसे शुमार करते हैं तुम्हारे बिन हम नहीं है अच्छे हमारे बिन तुम सुनाओ जानी तुम्हारी आदत है चोट करना अबद तलक ये रवा ही रखना सितम उठाकर भी मुस्कुराना जो है हमारा स्वभाव जानी सरशार फ़की़र जा़दा میں سہہ نہ پاؤں گا اب کے شاید ، مزید غصہ و تاؤ، جانی کہ تیرے نخروں نے پہلے سے ہی ، لگائے جاں پر ہیں گھاؤ ، جانی کہو ، کہ جاتی ہے میری جوت